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राजनीतिक विवाद में हुई हॉकी सीरीज रद्द


सन्नी गोंड़

जनवरी में हॉकी इंडिया लीग से पाकिस्तानी खिलाड़ी के बैरंग वापस लौटने के बाद एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के खेल संबंधों पर गाज गिरी है। अप्रैल में होनेवाली भारत पाक हॉकी सीरीज रद्द हो गई है। इसके पीछे हाल ही में हुई घटनाओं को जिम्मेदार माना जा रहा है। जनवरी की अमानवीय घटना के बाद मार्च में भी श्रीनगर में सीआरपीएफ छावनी पर फिदायीन हमला हुआ। इसमें पांच जवान शहीद और सात घायल हुए। हमले के बाद केंद्रीय सचिव आरके सिंह ने इस बात का अंदेशा जताया कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान हो सकता है।

हमले की बात अभी शांत भी नहीं हुई थी कि बची-खुची कसर पाकिस्तानी संसद ने अफजल गुरू के फांसी के विरोध में प्रस्ताव पास कर पूरा कर दिया। इसका भारत में संसद से सड़क तक विरोध हुआ। पक्ष और विपक्ष ने पाकिस्तान की इस हरकत की कड़ी निंदा की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने साफ कहा कि इस प्रस्ताव से साफ होता है कि भारतीय संसद पर हमले की साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी। अफजल गुरू भारतीय संसद पर हमले का मास्टर माइंड था। पाकिस्तान की इन हरकतों और सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस सीरीज को रद्द करने का फैसला किया।

हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा ने बताया कि नियम के मुताबिक हमें किसी भी विदेशी टीम की मेजबानी करने के लिए खेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की अनुमति की जरूरत होती है। खेल और गृह मंत्रालय इस सीरीज के लिए राजी थे लेकिन विदेश मंत्रालय ने इस सीरीज की अनुमति नहीं दी। बत्रा के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि न तो पाकिस्तान टीम की मेजबानी की जाए और न ही वहां अपनी टीम भेजी जाए।

पाकिस्तान को पांच से 15 अप्रैल तक भारत का दौरा करना था जिसमें उसे रांची, लखनऊ, दिल्ली, मोहाली और जालंधर में मैच खेलने थे। पाकिस्तान के यहां पांच मैच खेलने के बाद भारत को 23 अप्रैल को पाकिस्तान जाना था और लाहौर, फैसलाबाद, सियालकोट और कराची में पांच मैच खेलने थे।

भारत और पाक के बीच अंतिम द्वपक्षीय सीरीज साल 2006 में खेली गई थी जिसमें दोनों ही देशों में तीन-तीन मैच खेले गए थे। इन मैचों में पाकिस्तान ने तीन मैच जीते थे वहीं एक मैच भारत ने जीता था, जबकि दो बिना किसी नतीजे के रहे थे। 
मुम्बई हमलों के बाद पिछले साल के अंत में क्रिकेट का सहारे दोनों देशों की रिश्तों की गाड़ी को पटरी पर लाने की कोशिश गई थी। लेकिन जैसे ही दोनों देशों के बीच क्रिकेट प्रतियोगिता खत्म हुई वैसी ही सीमा पर हुई जवानों की सर काटने की घटना ने मुम्बई हमलों के बाद दिनों वाले दिनों को वापस ला दिया था। जिसके बाद हॉकी इंडिया लीग से पाक खिलाड़ियों को वापस जाना पड़ा था। इसके साथ ही पाकिस्तानी महिला क्रिकेट टीम को भी विरोध का सामना करना पड़ा था। अब मार्च में सीआरपीएफ कैंप पर हमला और पाक संसद के द्वारा प्रस्ताव पास होने का के कारण एक बार फिर दोनों देशों के खेल पर प्रभाव पड़ा है।

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