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बुकीज का आईपीएल सिक्सर




कुलविंदर सिंह कंग


माना कि मुंबई इंडियंस ने ये टूर्नामेंट जीत लिया है, लेकिन इस बार जो छक्का बुकीज ने लगाया, उसके सामने धोनी का हैलीकॉप्टर शॉट और क्रिस गेल का 119 मीटर लम्बा छक्का भी छोटा पड़ गया। पिछले हफ्ते ही मेरी बीवी ने पूछावो श्रीसंत, चव्हाण और चंदीला का क्या हुआ? मैंने हैरानी से पूछा कौन है ये लोग? अरे! ये वो ही लोग है जिन्होंने कमर पर तौलिया बांध कर ओवर फिक्स किए थे,भूल गए क्या? अरे हां! याद आया। ये तो बेचारे छुटकु मछलियां थी अब तो बड़ी-बड़ी झींगा, शॉर्क और व्हेल भी पकड़ में गई हैं। इनको अब कौन याद करेगा। पड़े होंगे किसी जेल में। क्रिकेट में तो चल नहीं पाए बेचारे टीवी पर भी ज्यादा नहीं चले दो दिन टीवी पर दिखे थे अब तो विंदु, गुरु और श्रीनिवासन ही रोज दिखते हैं। जब बुकीज ने जमाई राजा को अंदर भिजवा दिया तो अब लोग बाग ससुर जी को भी बाहर का रास्ता दिखाने पर तुले हुए हैं। पक्ष-विपक्ष के नेता, अभिनेता, वीना, राखी, बिंद्रा, शिंद्रा जिन्हें क्रिकेट का भी लिखना नहीं आता है वो सब टीवी पर एक्सपर्ट बने बैठे हैं। पर इस प्रकरण में जो सबसे ज्यादा  छले  गए हैं उन्हें कोई कुछ पूछ ही नहीं रहा है,यानि क्रिकेट प्रेमी|

हमारी दिल्ली पुलिस जो ज्यादातर मामलों में तोढिल्ली पुलिस ही साबित होती है, सुरक्षा की जगह हफ्ता उगाही के लिए एरिया बांट कर काम करती है, लेकिन जहां पैसा और हुस्न का तड़का हो तो इनका भी अंग-अंग तेजी से फड़कने लगता है जैसे कोईदागी मिर्च हाथ गई हो। ढेड़ लाख की जींस पहनने वाले चंदीला की जींस के साथ-साथ चड्डी उतरवाने में भी देर नहीं लगाई। अब अगर कोई आंख मटकाऊ बाबा लेडीज सूट में छलांग मार कर उड़न छू हो जाए तो वो अलग बात है। उससे वैसे मिलना भी क्या था। अनुलोम-विलोग के टिप्स और कब्ज दूर करने वाला चूर्ण? दिल्ली पुलिस का डंडा भी तो आलोम-विलोम करवाने के साथ-साथ अपराधियों की कब्ज भी दूर कर देता है।

बड़े-बड़े मैदानों पर बुकीज  तो अपना बड़ा खेल खेल गए और हमारे खिलाड़ी यूं ही चंद रुपयों की खातिर अपनी कमर में तौलिया टांग कर पसीना बहाते रहे। वो तौलिया भी अब पुलिस ने छीन लिया। तौलिया तो क्या अब तो मुंह छिपाने के लिए कोई रूमाल भी नहीं दे रहा है। ना तो माल मिला और ही अब रुमाल मिला। बेईमान तौलिया भी अब पुलिस का हो लिया

मुझे तो अब शर्म रही है कि इस कांड में सबका नाम गया। बस मेरा नाम ही नहीं आया। हमारी भी तो कोई ईज्जत है।अगर मेरा नाम जाता तो मीडिया वाले टीवी पर हमारी फोटो के इर्द-गिर्द सर्किल बना-बना कर परिचय करवाते। हमने तो काले कपड़े की मुंह ढकने वाली गुथली भी सिलवा ली थी। सब बेकार जा रहा है। मुझे लगता है कि पुलिस वाले अभी तो शायद छोटे-छोटे नाम वालों को ही फिक्सिंग का साक्षी मान रहे हैं। श्रीसंत, अंकित, चंदीला, विंदु, गुरु अब घर वालों ने मेरा नाम भी इतना लम्बा रख दियाकुलविंदर फिर नाम आते-आते वक्त तो लगेगा ही। चलो इंतजार करते हैं।

इस फिक्सिंग कांड में सबसे बड़ा यंत्र थातौलिया कमर को फोल्ड करके कमर में खोंसने तक पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। फिल्म वालों से कुछ सीखों| एक रणबीर कपूर है जो कि तौलिया गिराकर अपना फिल्मी कैरियर उठा गया और एक श्री संत है जोकि तौलिये से अपना कैरियर डुबा गया |और यहां क्रिकेट वालों को तौलिए जैसा खतरनामक हथियार पता नहीं मैदान पर किसने ले जाने दिया? बुकीज के सिक्सर ने अंत में आईपीएल का ये हाल कर दिया था कि लोग दरवाजा बंद करके टीवी पर बचे हुए मैच देखने लग गए थे कि पता नहीं अगर पडोसी ने देख लिया तो क्या सोचेगा? देखो लोग कहां तक गिर गए हैं।
 
आम भारतीय काफी अर्से से ये सोच रहा था कि जिस तरह से ये आईपीएल फल-फूल कर गुब्बारा हो रहा है। इक दिन जरूर इसे नजर लगेगी। कॉमनवेल्थ गेम्स की ओपनिंग क्लोजिंग पर नेहरू स्टेडियम में करोड़ों रुपए का एक गुब्बारा लगाया गया था। जिस पर सबकी नजर रूपी पिन ऐसी चुभी कि फेर कलमाड़ी दे नाल बड़ी माड़ी होयी। तड़क-भड़क वाला आईपीएल का गुब्बारा भी आखिर फूटना ही था। बुकीज और खिलाड़ियों के पास से कितना कैश, लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और तौलिए जब्त किए गए हैं। अगर हम लोग क्रिकेट में बैटिंग और फिक्सिंग खत्म करना चाहते हैं तो इस देश में लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और तौलियों के निर्माण और प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देना चाहिए। रही बात पकड़े गए कैश की, तो वो आप मेरे अकांउट में जमा करवा सकते हैं। होगा बांस, बजेगी बांसुरी।

 खैर दो पंक्तिया अर्ज हैः

"आईपीएल है दो महीने का हल्ला 
जिसमें चले खूब पैसा और बल्ला
पर जब से गिरा श्रीसंत का तौलिया
तब से आईपीएल सिक्स का चौथा हो लिया "

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