हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे
स्मिता मिश्र
‘होम करने गए और हाथ जला बैठे।‘ यह कहावत आजकल भाजपा की दो महिला नेताओं पर भली-भांति फिट बैठ रहा है। एक नेता है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और दूसरी है राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे। एक ने मानवीय आधार पर तो दूसरी ने पारिवारिक मित्रता के आधार पर आईपीएल जनक ललित मोदी की सहायता की। एक ने ललित मोदी की पुर्तगाल यात्रा की अनुमति दी तो दूसरी ने राजस्थान क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने में मदद की। कहा जा रहा है कि बदले में ललित मोदी ने उनकी भी मदद की थी।
‘होम करने गए और हाथ जला बैठे।‘ यह कहावत आजकल भाजपा की दो महिला नेताओं पर भली-भांति फिट बैठ रहा है। एक नेता है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और दूसरी है राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे। एक ने मानवीय आधार पर तो दूसरी ने पारिवारिक मित्रता के आधार पर आईपीएल जनक ललित मोदी की सहायता की। एक ने ललित मोदी की पुर्तगाल यात्रा की अनुमति दी तो दूसरी ने राजस्थान क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने में मदद की। कहा जा रहा है कि बदले में ललित मोदी ने उनकी भी मदद की थी।
अभी तक तो विवाद सुषमा
स्वराज को लेकर था जोकि एक अंग्रेजी समाचार-पत्र में छपे समाचार से उठा जिसमें कहा
गया कि सुषमा स्वराज ने ललित मोदी की पुर्तगाल यात्रा की अनुमति के लिए अंग्रेज
सरकार से अनुरोध किया था। तबसे पूरा विपक्ष सुषमा को उनके ‘मानवीय आधार’ पर परिभाषित करने के लिए कटघरे
में खड़ा कर रहा है। फिर अचानक ललित मोदी एक इंटरव्यू में वसुंधरा राजे की ‘मेहरबानियां’ उद्घाटित कर नया विवाद खड़ा कर
देते हैं। उनसे 30 वर्षों की पारिवारिक घनिष्ठता का जिक्र करते-करते वसुंधरा का
नाम ले लेते हैं। इससे यह पता चल पाना मुश्किल है कि यह दोस्ती है या दुश्मनी या
फिर यह एक चाल है जिससे विपक्ष का सारा ध्यान सुषमा स्वराज से हट जाए।
ललित मोदी ऐसे वर्ग की
नुमाइंदगी करते हैं जो राजनेता अफसर और पूंजीपतियों से काम निकलवाना और उनका
प्रयोग करना अच्छे से जानता है। जिनके लिए मूल्य, नियम-कायदे वे सिक्के हैं
जिन्हें वह अपने स्वार्थ के लिए भुनाते हैं। यह सच है कि अपनी विलासितापूर्ण जीवन
शैली, बड़बोलेपन अहंकार के कारण ललित मोदी शुरू से ही चर्चा में रहे हैं। लेकिन यह
भी उतना ही बड़ा सच है कि आईपीएल जैसा सफल फार्मेट ललित मोदी की ही देन है जिसका
अन्य भारतीय खेलों पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। हॉकी, कबड्डी, टेनिस,
बैडमिंटन, कुश्ती आदि सभी खेलों में लीग फार्मेट शुरू हो गया है। या होने वाला है।
आईपीएल के प्रभाव से जहां दूसरे खेलों को लाभ पहुंचा वहीं आईपीएल में आ रहे
बेशुमार पैसे से बेशुमार ताकत भी आई। इससे ललित मोदी की ताकत बढ़ी थी वहीं अनियमित
संचालन और भ्रष्टाचार के कारण मोदी को बीसीसीआई ही नहीं देश से भी निकलना पड़ा।
ललित मोदी के वीजा पर मानवीय आधार पर
तो भाजपा ने सुषमा का पक्ष लिया लेकिन वसुंधरा राजे के साथ ऐसा भाजपा खड़ी नहीं
दिख रही है। वजह साफ है
जिस भ्रष्टाचार को ढाल बनाकर वह चुनाव में भारी
मतों से जीती थी, ललित मोदी उसी भ्रष्टाचार
में लिप्त हैं। ललित मोदी देश से तो बाहर हो गए लेकिन बीच-बीच
में वह हमेशा भारतीय क्रिकेट में दखलअंदाजी करते रहे हैं। इससे उनकी मंशा
वापस आने की झलकती है। अगर भाजपा वसुंधरा के साथ खड़ी होती है तो उसकी
भ्रष्टाचार विरोधी छवि को नुकसान होगा। इस पूरे प्रकरण में वैसी भी
भाजपा सरकार की छवि को काफी नुकसान हो चुका है। सरकार को चाहिए कि वह
भ्रष्टाचारियों की बजाय खेल पर मानवीय आधार व्यक्त करें। जिससे खेल और सरकार दोनों को फायदा हो।
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