लव, सैक्स और धोखा !/कुलिंदर सिंह कंग
किसने, किसको दिया? मुझे क्या पता? चलो, जिसने भी दिया धोखा, ये लोगों के लिए खोज और जिज्ञासा का विषय बन गया।
आम पब्लिक के साथ-साथ मीडिया को भी भरपूर ‘मसाला’ मिल गया। जिस दिन मसाला थोड़ा कम होता दिखता था.. टीवी एंकर और न्यूज रीडर
अपनी तरफ से नमक मिर्च भुरक देते थे। अगलों का ‘हसीन जहाँ’ हिल गया और मीडिया को मजे आ रहे थे।
मीडिया, अखबार और व्हॉट्सअप ग्रुपों के अलावा
एक अलग ही नस्ल है उन उम्रदराज लोगों की जिनके पास नोकिया का पुराना तैंतीस दस
मॉडल का मोबाइल होता है जिसमें न नेट और न फिर चैट। ऐसे लोग आपस में झुंड बनाकर इन
टॉपिक्स पर बातें करते हैं। सुबह-सुबह पार्कों में चाहे अलग-अलग गेट से ‘एंटर’ हों परंतु इन सबका ‘टारगेट’ एक ही होता है,मजे लेकर
बातें करना। ऊपर लिखे शीर्षक के पहले दो हिस्से तो इनकी जिंदगी में से निकल चुके
होते हैं और ‘धोखा’ शब्द आते ही इनके कान
खड़े हो जाते हैं क्योंकि अपनी प्रॉपर्टी बच्चों के नाम लिखकर ये भी धोखा खाए होते
हैं। इनके हिस्से में बस पार्कों की ये हंसी ठिठौली ही बची होती है। सुबह-शाम पार्क
और घर में जिंदगी डार्क।
आज के युग में क्रिकेट स्टार होना भी मुश्किल
भरा काम है। सारा दिन बीवी वाले और टीवी वाले पीछे पड़े रहते हैं। स्टंप माइक और
कैमरे से क्रिकेट और क्रिकेट स्टार की जिंदगी का सीधा प्रसारण होता रहता है जब तक
कि खिलाड़ी खुद ही ना टेढ़ा हो जाए।
घुन्ने लोग ऑन फील्ड पर चुपचाप गेंदबाजी करते
हैं और ऑफ दी फील्ड खुलकर इश्कबाजी। मैदान पर खामोश, मैदान के बाहर नया जोश और देश
के बाहर खो देते हैं होश। पता नहीं कैसे संतुलन बनाकर दिल की बात छुपाए रखते हैं।
हम लोग तो अपनी बीवी से क्या छिपाएंगे और क्या दिखाएंगे? वह तो हमें सिर्फ आंखें ही दिखाती है और हम सब कुछ खोल
कर दिखा देते हैं। छिप-छिपकर इश्क फरमाना तो दूर... सात फेरों के बाद जहां
आधिकारिक तौर पर इश्क फरमाना होता है.. आम आदमी वहां भी लड़खड़ा जाता है। हम लोग
तो सब्जी वाले से फ्री की ‘हरी मिर्च और धनिया’ ही ले आएं तो सबसे पहले अपनी बीवी को बताते हैं।
मेरी कॉलेज की एक सहेली, जिस पर हम मरते थे,
कुछ दिन पहले मुझे ‘मरवा’ देती क्योंकि बिना बताए
ही हमारे घर आ धमकी। बीवी कभी उसे देखे और कभी तिरछी नजरों से मुझे धमकाए.. दो
गिलास पानी पीकर भी मेरा गला सूख चुका था। बीवी को दिखाने के लिए उसे भैणजी-भैणजी
बोलकर मैंने अपना गला तक बिठा लिया लेकिन बीवी के सामने मेरी नजरें नहीं उठी। उसने
अपने बेटे से कहा , “ये तुम्हारे मामू हैं” तब जाकर मेरी बीवी की आग उगलती नजरें
ठंडी हुई और हमारा ‘हसीन जहां’ उजड़ने से बचा। पता
नहीं ये स्टार खिलाड़ी इतनी बड़ी बात कैसे छिपा लेते हैं?
मुझे तो इस सारे हसीन घटनाक्रम में कुछ भी
गलत दिखलाई नहीं देता है.. बल्कि बंदे की दाद देनी पड़ेगी। हमारी सरकारें पिछले
सत्तर वर्षों से अपने पड़ोसी देश के साथ मधुर संबंध बनाने में विफल रही हैं वहीं
इस ‘बंदे’ ने मात्र ‘सत्तर घंटों’ में पड़ोसियों के साथ
मधुर और घनिष्ठ संबंध स्थापित कर लिए। ‘सरकार जी’ ने तो बिना
शैड्यूल के ही ‘शरीफ’ आदमी के यहां अपना
प्लेन लैंड करवाके ‘मीठी-मीठी चाय’ तक पी के देख ली..
लेकिन रिश्तों में ‘कड़वाहट’ आज तक कम नहीं हुई है।
इस बंदे ने ‘सत्तर घंटों’ में ही पड़ोसी देश की छोरी के साथ दोस्ती कर ली। दोनों दक्षिण अफ्रीका से
उड़े.. हवा में ही ‘हवा हवाई’ हो गई और दुबई पहुंच कर
हवा हवाई निकटता में तब्दील हो गई और किसी को कानों-कान ‘हवा’ भी नहीं लगने दी।
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