सायना बनी दूसरी महिला पदक विजेता, क्रिकेट जीत की चमक पड़ी फीकी
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सायना अपने कांस्य पदक के साथ |
खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित साइना से देश को स्वर्ण पदक की उम्मीद थी, लेकिन वह स्वर्ण पदक से चूक गई। स्वर्ण पदक से चूकने के बाद भी कांस्य पदक की उम्मीद बरकरार थी। उसी उम्मीद पर खरे उतरते हुए सायना ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इस पदक के साथ वह भारत की दूसरी महिला खिलाड़ी बन गई हैं। जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है। इससे पहले भरोत्तोलन में करनाम मलेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। इस बात की उम्मीद पहले से जताई जा रही थी कि इस बार कोई न कोई महिला खिलाड़ी पदक जरूर जीत कर आएगी। यह बात सही साबित हुई। 2010 में विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर रह चुकीं साइना 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
कांस्य पदक के लिए चीनी खिलाड़ी वैंग जिन और भारतीय खिलाड़ी सायना नेहवाल के बीच हुए इस मुकाबले को भुलाना इतना आसान नहीं है। इस मैच में पहले दौर में चीनी खिलाड़ी 21-18 से आगे थी लेकिन दूसरे दौर में चोट के कारण उन्हें मुकाबला बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा और सायना के विजयी घोषित कर दिया गया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सायना को यह पदक यू ही मिल गया। यहां तक पहुंचनेवाली वह भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी है, इससे ही उनकी मेहनत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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