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दिल्ली सरकार का संसाधनों की साझेदारी नया पी.पी.पी. मॉडल !/स्मिता मिश्र



भारतीय  संविधान में भारत एक लोकतान्त्रिक ,कल्याणकारी राज्य घोषित है ,यानि एक ऐसी व्यवस्था जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग को समतामूलक स्थिति में लाने के लिए देश का शासन प्रतिबद्ध होगाIकिन्तु इतने दशकों के बाद भी विषम स्थिति में समता अनुपस्थित है I इसका मुख्य कारण है सरकारों की दृष्टि केवल वोट बैंक वाली  जातिगत आरक्षण  नीति पर ही मुख्यतः स्थित रही,उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग द्वारा विषमता को दूर करने का प्रयास या नीति विकसित नहीं की गयी I  
मानव संसाधन की बात हो या प्राकृतिक संसाधनों की, भारत में दोनों ही प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है I प्रश्न उन संसाधनों के  सार्थक प्रयोग के ‘विज़न’ एवं नीयत की हैI ऐसी ही नीयत अभी दिल्ली सरकार ने स्कूली शिक्षा एवं खेल के क्षेत्र में दिखाई I
ऐसे ही संसाधन सरकारी स्कूलों के मैदान हैं। स्कूल की छुट्टी के बाद वह मैदान खाली पड़े रहते हैं। उसका कोई इस्तेमाल नहीं होता। इस दृष्टि से  दिल्ली की सरकार की पी.पी.पी. मॉडल यानि ‘पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप’  खेल प्रशिक्षण योजना  निश्चित रूप से सराहनीय कदम है,जिसका  पाइलट प्रोजक्ट 70 सरकारी स्कूलों  में चल रहा है। इस योजना के अंतर्गत निजी कोचिंग संस्थान को सरकारी स्कूलों के मैदान दिए जाएंगे। जिसमें वह शाम के समय अपनी कोचिंग दे सकेंगे। इसके एवज में उन्हें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों  को मुफ्त में कोचिंग देनी होगी। पायलट प्रोजेक्ट के डाटा को एकत्र करके सभी स्कूलों में इसे लागू किया जायेगाI इसके लागू होने के साथ सरकारी स्चूलों के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ खेलों की कोचिंग भी निशुल्क मिलेगी I
राजधानी दिल्ली में प्रत्येक महानगरों की भांति ही खुले मैदान सिमटते जा रहे हैं I खेल के मैदान तो और भी कम हो गए हैं I खेल की कोचिंग के लिए जगह का अभाव आम बात है,और जो जगह उपलब्ध भी है तो वह काफी महंगी है। हांलाकि  सरकारी स्कूल खेल के मैदान  की दृष्टि से तो संपन्न हैं किन्तु नवीन कौशल और तकनीक की उपलब्धता की कमी इनमे हमेशा रहती है Iउनके पास मैदान है तो बेहतर और नई ट्रेनिंग देने वाले कोच नहीं है। इस पी.पी.पी. मॉडल   से संसाधनों की साझेदारी कर दिल्ली जहाँ एक  और कमज़ोर आर्थिक स्थिति वाले विद्यार्थियों को खेल के मैदान से जोड़ पाएगी ,वहीँ कल्याणकारी राज्य की स्थापन की और एक सार्थक  कदम भी बढ़ाएगी।

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